आज का दिन ऑफिस और वर्क प्लेस में मौज मस्ती के दिन के तौर पर सेलिब्रेट किया जा रहा है! आपको शायद याद होगा कि आपके ऑफिस में लास्ट पार्टी कब हुई थी? या फिर कलीग्स के साथ, कोई ट्रिप प्लान की हो? लेकिन क्या आपको पता है कि पहली बार ‘‘ ऑफिस शब्द’’ कब यूज किया गया था! साल 1395 में एक इंग्लिश poet, राइटर और फिलोसोफर जेफ्री चैसर ने बिजनेस और ट्रेड की जगह को डिफाइन करने के लिए, इस शब्द का इस्तेमाल, किया था! यूएस में मनाए जाने वाले National fun at work Place दिवस का उद्देश्य, ऑफिस को एक पॉजिटिव और खुशहाल माहौल बनाना है! सन 1600 के बाद, मॉर्डन ऑफिस बिल्डिंग का एक नया युग शुरू हुआ! माना जाता है कि साल 1726 में बना The Old Admiralty, ऑफिस की पहली माॅर्डन building थी! यह एक तीन मंजिला इमारत थी, जिसमें आफिस, एक बोर्ड रूम और एडमिरल्टी के लॉर्ड्स के लिए अपार्टमेंट बने थे! और वर्कप्लेस पर ओपन स्पेस का कॉन्सेप्ट, साल 1906 में आया और साल 1963 में क्यूबिकल्स ने ऑफिस लाइफ में, पहला डेब्यू किया!
यह एक common perception है और हर किसी को लगता है कि मौज-मस्ती एक ऐसी चीज है, जो वर्किंग टाइम या ऑफिस के बाद ही हो सकती है! अगर आप भी हमेशा सिर्फ इसी इंतजार में रहते हैं कि काम से ब्रेक लेकर, एन्जॉय करेंगे, तो आप अब तक यह नहीं जान पाए हैं कि वर्कप्लेस पर मौज-मस्ती कितनी फ्रूटफुल और इन्सपिरेशनल हो सकती है! काम पर मौज मस्ती करना, लोगों के लिए एक-दूसरे की स्ट्रेंथ, वीकनेस और boundaries- को समझने में मदद करती है! ज्यादातर लोगों को लगता है कि एक अमेजिंग बचपन की तुलना में, वर्कलाइफ बिलकुल बोरिंग है। बचपन कैसा था, हमें कुछ भी करने की परमिशन थी! जो मन करे, वैसे कपड़े पहन सकते थे, कोई डेली रूटीन नहीं, दोस्तों के साथ कब और क्या खेलना है, कोई पाबंदी या डेड लाइन नहीं! एक दिन बैट्समैन, दूसरे दिन एस्टाॅनोट, तीसरे दिन आर्किटेक्चर बनना और अगले दिन मास्टर शेफ, हर दिन एक नए रोल के साथ, नई चीजें करते थे! लेकिन ऑफिस में पहुंचने के बाद, सब बदल जाता है! ऑफ कोर्स बदलेगा! लिवलिहुड के लिए पैसा चाहिए, और पैसे के लिए काम तो करना पड़ेगा! बचपन में तो, पेरेंट्स हैं, खर्च उठाने के लिए! एडल्टहुड, अगर आपको पावरफुल बना रही है, तो जिम्मेदारी भी उसके साथ आती है!
वर्क लाइफ में, हर दिन लगभग एक तरह का काम करते हैं और इसलिए इसका बर्डन लगना और हमारी लाइफ पर हावी होना आम बात है! जब हम, ऑफिस में इतना समय बिताते हैं, तो क्या सहकर्मियों के साथ हंसना और मस्ती करना जरूरी नहीं होना चाहिए? रिसर्च बताती है कि, एक पॉजिटिव मेंटालिटी वाले लोग, नकारात्मक मानसिकता वाले लोगों की तुलना में 31% ज्यादा क्रिएटिव होते हैं। इतना ही नहीं, अक्सर या हमेशा काम पर वर्कआउट एक्सपीरिएंस करने वाले लोगों के बीमार होने की संभावना 63% ज्यादा होती है! वर्क प्लेस भी डिफरेंट लोगों की एक सोसायटी की तरह है, और एक अच्छी सोसायटी, सभी के ज्वाइंट एफर्ट से बनती है! हम अपना ज्यादातर समय ऑफिस में बिताते हैं! ऑफिस कल्चर में हम, काम के अलावा भी, हर किसी से कुछ न कुछ सीख सकते हैं, उनकी लाइफ के एक्सपीरिएंस से! ऑफिस में दोस्त होना भी बहुत जरूरी है! आप अपनी कोई भी प्रोबलम के साथ-साथ, अपने हैप्पी मोमेंट्स को उनके साथ शेयर और इंजॉय कर सकते हैं! ऑफिस में मौज-मस्ती, कंपनी का एक स्ट्रॉंग कल्चर बनाने का एक शानदार तरीका है। इसमें डिफरेंट कॉम्पिटिशन या कोई भी सेलिब्रेशन हो सकती है! कंपनी की सालगिरह, किसी छोटी जीत का जश्न मनाना या बर्थडे, सभी लोगों को एक साथ लाने का एक अच्छा तरीका है। लेकिन यह मौज-मस्ती समय की बर्बादी या प्रोडक्टिविटी में रुकावट न बने! याद रखें, आपकी मौज मस्ती या ब्रेक लेने के चक्कर में कंपनी को नुकसान झेलना पड़ जाए! वर्क प्लेस भी एक परिवार की तरह है, जहां डिफरेंट बैकग्राउंड, इंटरेस्ट और स्किल्स के लोग, एक जगह पर आते हैं! इसलिए हमें, एक-दूसरे के टैलेंट, हार्ड वर्क और एफिशिएंसी की रिस्पेक्ट करनी चाहिए! वर्क लाइफ में भी, हमारी पर्सनल जिंदगी की तरह उतार-चढ़ाव, हो सकते हैं! कलीग के साथ कहा-सुनी और वर्कलोड जैसी कई हेक्टिक सिचुएशन आ सकती हैं! लेकिन बचपन की तरह, फन लविंग बनकर, हम अपनी लाइफ के लीडर हो सकते हैं, जहां मौज मस्ती के लिए किसी ब्रेक का इंतजार न करना पड़े, और एन्जाॅय कर सकें, अपनी आफिस फैमिली के साथ!